शहर के जागे भाग, बनेगा ओवरब्रिज
गोहाना रोड फाटक पर बनने वाले ओवरब्रिज की आखिरी बाधा भी खत्म हो गई है। अब वह दिन
दूर नहीं है, जब शहर के लोगों को ओवरब्रिज की सुविधा मिलेगी।
शहरवासियों को गुस्सा आने का ओवरब्रिज सबसे बड़ा कारण था। यह तब संभव हो सका है, जब प्रदेश सरकार ने मंडी की तरफ जाने वाली तीसरी लेग का खुद ही खर्च उठाने की गारंटी रेलवे को दी है।
२० साल से ओवरब्रिज बनने का इंतजार कर रहे शहरवासियों को वर्ष 2011 यादगार रहेगा। इसी वर्ष गोहाना रोड फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पिछले काफी दिनों से ओवरब्रिज को लेकर रेलवे और प्रदेश सरकार में तनातनी बनी हुई थी। प्रदेश सरकार जहां ओवरब्रिज को तीन तरफ उतारना चाहती थी, वहीं रेलवे विभाग दो तरफ जाने का आधा हिस्सा देने के लिए तैयार था, लेकिन इससे शहर वासियों का भला नहीं हो रहा था।
आखिरकार प्रदेश सरकार ने ही शहर के लोगों की भावना की कदर करते हुए मंडी की तरफ जाने वाली लेग का खुद ही खर्च उठाने का ऐलान किया है। इससे रेलवे ओवरब्रिज बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। पीडब्ल्यूडी ने पहले से ही इसकी ड्राइंग रेलवे को भेज रखी है।
तोहफा
7
करोड़ रुपए प्रदेश सरकार अलग से खर्च करेगी।
१४
करोड़ रुपए का रेलवे अपना हिस्सा ओवर ब्रिज के बनने में देगा।
सात करोड़ पर लटका था ओवरब्रिज
तीसरी लेग पर सात करोड़ रुपए खर्च होने थे। प्रदेश सरकार चाहती थी कि साढ़े तीन करोड़ रुपए रेलवे भी दे, लेकिन रेलवे ने इसके लिए इंकार कर दिया। अब कुल बजट के तीन हिस्से प्रदेश सरकार और एक हिस्सा रेलवे देगा।
यह है गोहाना रोड रेलवे ओवरब्रिज का खाका
रेलवे ओवरब्रिज गीता भवन चौक स्थित बत्रा पेट्रोल पंप से शुरू होकर गोहाना रोड पर ओम पेट्रोल पंप तक उतरेगा। दोनों ही तरफ ओवरब्रिज की लंबाई 360 मीटर की होगी, जबकि मंडी की तरफ मिशन चौक से पहले उतरेगा, जिसकी लंबाई 336 मीटर होगी। मंडी की तरफ जाने वाली तीसरी लेग वन-वे होगी। ओवरब्रिज से मिशन चौक पर सिर्फ उतरा जा सकता है, यहां से ऊपर चढऩे वाले लोग गोहाना रोड की तरफ से चढ़ेंगे।
ञ्चप्रदेश सरकार ने तीसरी लेग का पूरा खर्च खुद ही उठाने का फैसला लिया है, ताकि ओवरब्रिज बन सके। प्रदेश सरकार ने इससे रेलवे को अवगत करा दिया है। अब रेलवे ने ड्राइंग को प्रोसेस में ले लिया है।
दूर नहीं है, जब शहर के लोगों को ओवरब्रिज की सुविधा मिलेगी।
शहरवासियों को गुस्सा आने का ओवरब्रिज सबसे बड़ा कारण था। यह तब संभव हो सका है, जब प्रदेश सरकार ने मंडी की तरफ जाने वाली तीसरी लेग का खुद ही खर्च उठाने की गारंटी रेलवे को दी है।
२० साल से ओवरब्रिज बनने का इंतजार कर रहे शहरवासियों को वर्ष 2011 यादगार रहेगा। इसी वर्ष गोहाना रोड फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पिछले काफी दिनों से ओवरब्रिज को लेकर रेलवे और प्रदेश सरकार में तनातनी बनी हुई थी। प्रदेश सरकार जहां ओवरब्रिज को तीन तरफ उतारना चाहती थी, वहीं रेलवे विभाग दो तरफ जाने का आधा हिस्सा देने के लिए तैयार था, लेकिन इससे शहर वासियों का भला नहीं हो रहा था।
आखिरकार प्रदेश सरकार ने ही शहर के लोगों की भावना की कदर करते हुए मंडी की तरफ जाने वाली लेग का खुद ही खर्च उठाने का ऐलान किया है। इससे रेलवे ओवरब्रिज बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। पीडब्ल्यूडी ने पहले से ही इसकी ड्राइंग रेलवे को भेज रखी है।
तोहफा
7
करोड़ रुपए प्रदेश सरकार अलग से खर्च करेगी।
१४
करोड़ रुपए का रेलवे अपना हिस्सा ओवर ब्रिज के बनने में देगा।
सात करोड़ पर लटका था ओवरब्रिज
तीसरी लेग पर सात करोड़ रुपए खर्च होने थे। प्रदेश सरकार चाहती थी कि साढ़े तीन करोड़ रुपए रेलवे भी दे, लेकिन रेलवे ने इसके लिए इंकार कर दिया। अब कुल बजट के तीन हिस्से प्रदेश सरकार और एक हिस्सा रेलवे देगा।
यह है गोहाना रोड रेलवे ओवरब्रिज का खाका
रेलवे ओवरब्रिज गीता भवन चौक स्थित बत्रा पेट्रोल पंप से शुरू होकर गोहाना रोड पर ओम पेट्रोल पंप तक उतरेगा। दोनों ही तरफ ओवरब्रिज की लंबाई 360 मीटर की होगी, जबकि मंडी की तरफ मिशन चौक से पहले उतरेगा, जिसकी लंबाई 336 मीटर होगी। मंडी की तरफ जाने वाली तीसरी लेग वन-वे होगी। ओवरब्रिज से मिशन चौक पर सिर्फ उतरा जा सकता है, यहां से ऊपर चढऩे वाले लोग गोहाना रोड की तरफ से चढ़ेंगे।
ञ्चप्रदेश सरकार ने तीसरी लेग का पूरा खर्च खुद ही उठाने का फैसला लिया है, ताकि ओवरब्रिज बन सके। प्रदेश सरकार ने इससे रेलवे को अवगत करा दिया है। अब रेलवे ने ड्राइंग को प्रोसेस में ले लिया है।